कामना
कामना
“ यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:। “ अर्थात जहाँ नारी की पूजा या सम्मान होता है वहां देवता बसते हैं अर्थात वहां सद्गुणों का विकास होता है और ऐसा परिवार, समाज, राष्ट्र सदैव उन्नति के मार्ग पर अग्रसर रहता है.
परन्तु कतिपय कारणों से शनै: शनै: हमारे समाज में स्त्रियों का सम्मान घट गया. फलस्वरूप अनेक प्रकार की विकृतियों ने जन्म ले लिया. नारी के इस घटते सम्मान का मुख्य आधार था उनका अशिक्षित होना और केवल गृहणी बनकर रह जाना. हालाँकि ये किसी मकान को घर केवल एक स्त्री ही बना सकती है. लेकिन इसके अलावा भी उसमे असीमित क्षमताएं होती है जिनको सामने लाने के लिए शिक्षा एक आवश्यक माध्यम है.
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“कामना” एक प्रयास है समाज के निम्न आय वर्ग से सम्बंधित कन्याओं को उनके समूर्ण विकास में सहयोग करने का. इसके अंतर्गत हम निम्न कुछ बिन्दुओं के आधार पर कार्य करते हैं:
1. प्राथमिक विद्यालयों में पढने वाली कन्याओं की पारिवारिक आधार पर सुचना संग्रह.
2. उन कन्याओं को सूचीबद्ध करना जिनकी शिक्षा में आर्थिक, पारिवारिक, स्वास्थ्य या अन्य कारणों से रूकावट आई है और जो पढाई छोड़ कर किसी भी प्रकार के कार्य में लगी हैं या घर पर ही हैं.
3. समाज के सक्षम वर्ग की सहायता से ऐसी कन्याओं की उचित शिक्षा, स्वास्थ्यवर्धक जीवन का प्रबंध करना.
ईश्वर की कृपा से यदि आप सक्षम हैं तो जिस प्रकार आप अपने परिवार के बच्चों के जीवन की उन्नति का ध्यान रखते हैं, उसी प्रकार यदि आप मात्र एक कन्या की शिक्षा की जिम्मेदारी उठा लंत तो हमारे समाज में कोई भी कन्या मात्र घर में झाड़ू-बर्तन करने वाले जीवन से मुक्त होकर सम्मान के साथ अपने सपनो को पूरा कर सकती है. और विश्वास जानिए उसके चेहरे की मुस्कान आपको जीवन में वो सुख देगी जो शायद लाख भौतिक साधन नहीं दे सकते. ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा और उसकी पूजा यही है.