• mainslide1
  • mainslide2
  • mainslide3
  • mainslide4
  • mainslide5

महाशिवरात्रि 2021

0490fa78919a23085adbd236b5ca642e फाल्गुन मास की महाशिरात्रि का दिन बेहद ही खास होता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। वैसे तो हर महीने शिवरात्रि आती है लेकिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी को आने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन व्रत पूजन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

 
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री:
    इस बार महाशिवरात्रि का पावन पर्व 11 मार्च को मनाया जायेगा। इस पावन पर्व पर शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी की जाती है। शिवरात्रि के दिन रात में पूजा करना सबसे फलदायी माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष सामग्रियों के साथ की जाती है। पूजा जैसे पुष्प, बिल्वपत्र, भाँग, धतूरा, बेर, जौ की बालें, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, दही, देशी घी, शहद, गंगा जल, साफ जल, कपूर, धूप, दीपक, रूई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, गंध रोली, इत्र, मौली जनेऊ, शिव और माँ पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, वस्त्राभूषण, रत्न, पंच मिष्ठान्न, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन आदि।
 पंचांग अनुसार महाशिवरात्रि का दिन बेहद ही खास होता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। वैसे तो हर महीने शिवरात्रि आती है लेकिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी को आने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन व्रत पूजन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
 
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री:
      इस बार यह पावन पर्व 11 मार्च को मनाया जायेगा। इस पावन पर्व पर शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी की जाती है। शिवरात्रि के दिन रात में पूजा करना सबसे फलदायी माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष सामग्रियों के साथ की जाती है। पूजा जैसे पुष्प, बिल्वपत्र, भाँग, धतूरा, बेर, जौ की बालें, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, दही, देशी घी, शहद, गंगा जल, साफ जल, कपूर, धूप, दीपक, रूई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, गंध रोली, इत्र, मौली जनेऊ, शिव और माँ पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, वस्त्राभूषण, रत्न, पंच मिष्ठान्न, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन आदि।
 
क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?
   महाशिवरात्रि पर्व मनाने को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। जिसमें सबसे प्रसिद्ध कथा के अनुसार ये पर्व शिव और माता पार्वती के मिलन की रात के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन पार्वती जी का विवाह भगवान शिव से हुआ था। एक मान्यता ये भी है कि इसी दिन शिव जी 64 शिवलिंग के रूप में संसार में प्रकट हुए थे। जिनमें से लोग उनके 12 शिवलिंग को ही ढूंढ पाए। जिन्हें हम 12 ज्योतिर्लिंग के नाम से जानते हैं।
 
पूजा मुहूर्त: महा शिवरात्रि 11 मार्च दिन बृहस्पतिवार को है। महाशिवरात्रि पूजा का सबसे शुभ समय 12:06 AM से 12:55 AM, मार्च 12 तक है। महाशिवरात्रि पूजा के अन्य शुभ मुहूर्त- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा 06:27 PM से 09:29 PM, रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा 09:29 PM से 12:31 AM (मार्च 12), रात्रि तृतीय प्रहर पूजा 12 मार्च 12:31 AM से 03:32 AM, रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा 03:32 AM  से 06:34 AM तक। चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 11 मार्च को 02:39 PM बजे से होगा और समाप्ति 12 मार्च को 03:02 PM बजे। 12 मार्च को शिवरात्रि व्रत पारण समय 06:34 AM से 03:02 PM तक।
 
महाशिवरात्रि पूजा का सबसे शुभ समय 12:06 AM से 12:55 AM, मार्च 12 तक है। महाशिवरात्रि पूजा के अन्य शुभ मुहूर्त- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा 06:27 PM से 09:29 PM, रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा 09:29 PM से 12:31 AM (मार्च 12), रात्रि तृतीय प्रहर पूजा 12 मार्च 12:31 AM से 03:32 AM, रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा 03:32 AM  से 06:34 AM तक। 
 
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं जल
महाशिवरात्रि के दिन मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होत है। इस दिन शिवलिंग पर फूल, बेल पत्र, दूध और धतूरा भी चढ़ाया जाता है।
शिव की पूजा तुलसी के पत्ते, चंपा और केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
 
शिवरात्रि की आसान पूजा विधि:
महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान करवाएं। उसके बाद भगवान शंकर को केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं। भगवान शंकर को चंदन का तिलक लगाएं। शिवलिंग पर तीन बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मीठा पान, इत्र, मिठाई व दक्षिणा चढ़ाएं। इसके बाद केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें।
 
महाशिवरात्रि पर नौकरी संबंधी परेशानियां दूर करने के उपाय:
महाशिवरात्रि के दिन चांदी के लोटे से भगवान शिव का अभिषेक करें साथ ही ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और भगवान शिव पर सफेद रंग के फूल चढ़ाते हुए नौकरी में सफलता, व्यापार में बरकत या मनचाही नौकरी की प्रार्थना करें।
 
महाशिवरात्रि पर आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के उपाय:
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को पंचामृत से अभिषेक करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, पांचों सामग्री दूध, दही, शक्कर, शहद और घी आपको एक साथ नहीं चढ़ानी है बल्कि इन्हें एक-एक करके भगवान शिव को अर्पित करें। इस दौरान “ॐ पार्वतीपतये नमः” मंत्र का 108 बार स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करें।
 
महाशिवरात्रि के दिन सुबह 09 बजकर 25 मिनट तक महान कल्याणकारी 'शिव योग' रहेगा। उसके बाद 'सिद्धयोग' शुरू हो जाएगा। शिव योग में किए जाने वाले धर्म-कर्म, मांगलिक अनुष्ठान बहुत ही फलदायी होती हैं। इस योग के किये गए शुभकर्मों का फल अक्षुण्ण रहता है
 
महामृत्युंज्य मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra):
ओम् त्रयंम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनं!
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्!!
आयु वृद्धि के लिए- शं हृीं शं !!
विवाह में आ रही बाधा दूर करने के लिए- ओम् ऐं हृी शिव गौरी मव हृीं ऐं ओम् !
शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए-  ओम्  मं शिव स्वरुपाय फट् !